ट्रिपल एस ओ न्यूज, बीकानेर। भारतीय सेना ने अपने अद्वितीय शौर्य, साहस और पराक्रम से 16 दिसंबर की तिथि को देश के सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित कर दिया है। भारत–पाक युद्ध वर्ष 1971, जो 3 दिसंबर को प्रारंभ हुआ था, 16 दिसंबर को पाकिस्तान की सेना के 93,000 सैनिकों के ऐतिहासिक आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। इसी विजय के परिणामस्वरूप एक स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश का उदय हुआ।
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| पूर्व सैनिकों ने श्रद्धा व गौरव के साथ मनाया भारत का 54वाँ विजय दिवस |
उक्त विचार आज 54वें विजय दिवस के अवसर पर वार मेमोरियल पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शहीदों को नमन करते हुए गौरव सेनानी एसोसिएशन बीकाणा के अध्यक्ष कर्नल हेम सिंह शेखावत (सेना मेडल) ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह विजय भारतीय सेना के अनुशासन, रणनीति और अदम्य साहस का प्रतीक है, जिस पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए क्षत्रिय सभा एवं ट्रस्ट, बीकानेर संभाग के प्रवक्ता प्रदीप सिंह चौहान ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम की मुक्तकंठ से सराहना की।
इस विजय दिवस श्रद्धांजलि सभा में सूबेदार एस.एस. विश्नोई, सूबेदार मेजर गोविंद सिंह भाटी, ए.ओ. सतपाल सिंह, महेश शर्मा सहित अनेक पूर्व सैनिकों व गणमान्य नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए तथा वार मेमोरियल पर पुष्प अर्पित कर वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

