ट्रिपल एस ओ न्यूज, बीकानेर, 13 दिसंबर। पर्यावरण संरक्षण और राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई के विरोध में चल रहे प्रकृति बचाओ आंदोलन को अब और उग्र करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर शुक्रवार को स्थानीय बिश्नोई धर्मशाला के सभा कक्ष में पर्यावरण संघर्ष समिति बीकानेर के तत्वावधान में एक आम सभा आयोजित की गई।
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| प्रकृति बचाओ आंदोलन होगा उग्र, 19 दिसंबर को मुकाम में जुटेगा बिश्नोई समाज |
सभा को संबोधित करते हुए मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद जी महाराज ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खेजड़ी कटाई रोकने के लिए कानून बनाने का तीन बार आश्वासन देने के बावजूद डेढ़ साल बीत जाने पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जो बिश्नोई समाज के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन को नए स्वरूप में तेज करना होगा।
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| प्रकृति बचाओ आंदोलन होगा उग्र, 19 दिसंबर को मुकाम में जुटेगा बिश्नोई समाज |
सभा में निर्णय लिया गया कि 19 दिसंबर (अमावस्या) को सुबह 11 बजे मुक्तिधाम मुकाम में विशाल आमसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की व्यापक रणनीति तय की जाएगी। खेजड़ी की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का कानून बनने तक उग्र आंदोलन चलाने का संकल्प लिया गया।
जैसला के महंत स्वामी भागीरथ दास शास्त्री ने उपस्थित लोगों को आंदोलन में सक्रिय भागीदारी का संकल्प दिलाते हुए अधिक से अधिक समाजबंधुओं को मुकाम पहुंचने का आह्वान किया।
संघर्ष समिति के संयोजक रामगोपाल बिश्नोई ने पिछले डेढ़ साल के संघर्ष का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के विभिन्न हिस्सों—नागौर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ सहित अन्य जिलों में राज्य वृक्ष खेजड़ी का बड़े पैमाने पर कटान हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसे नहीं रोका गया तो लाखों खेजड़ियां नष्ट हो सकती हैं।
वक्ताओं ने 3 दिसंबर की कैबिनेट बैठक में सरकार द्वारा पेड़ काटने पर दी जाने वाली सजा को समाप्त करने की मंशा पर गंभीर आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि सरकार कानून बनाने के बजाय संरक्षण कानूनों को कमजोर कर रही है। इस मुद्दे पर सभी वक्ताओं में भारी रोष देखने को मिला।
सभा में भंवरलाल जाणी, गणपतराम सिंगड़, हनुमान बेनीवाल, रामरतन बिश्नोई (श्री गुरु जम्भेश्वर जीव रक्षा प्रदेश संस्था अध्यक्ष), भंवर ज्याणी, सुभाष भाम्भू, विजयपाल डेलू, रामरतन डेलू, प्रभु गोदारा, हजारी मंडा, बनवारी सियाग, नारायण सिंह भाटी, रिछपाल फौजी, शिवजी खीकड़, हड़मान पुनिया, ओपी खीचड़, सहीराम पुनिया, हरिराम खीचड़ सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमियों ने विचार रखे और खेजड़ी संरक्षण के सुझाव दिए।
सभा के अंत में सरकार को खेजड़ी कटाई रोकने के लिए मजबूर करने तक एकजुट और निर्णायक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया।


