ट्रिपल एस ओ न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीबीएम में कार्यरत पन्नादाय फर्म के कर्मचारियों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया। पिछले पांच माह से बकाया वेतन और पीएफ राशि नहीं मिलने से परेशान कर्मचारियों ने मंगलवार को मेडिकल कॉलेज प्राचार्य कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि फर्म लगातार उन्हें वेतन देने से टालमटोल कर रही है और अब तो धमकी तक दी जा रही है कि यदि धरना समाप्त नहीं किया तो नौकरी से हटा दिया जाएगा।
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| बीकानेर: पीबीएम अस्पताल में पन्नादाय फर्म कर्मचारियों का धरना, पांच माह से वेतन नहीं — ठेकेदार के नुमाइंदों पर धमकी के आरोप, प्राचार्य ने फर्म को दी सख्त चेतावनी |
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि वे फर्म के अधीन पीबीएम अस्पताल में लंबे समय से सफाई, नर्सिंग सहायक, वार्ड बॉय, और अन्य सहायक कार्यों में लगे हुए हैं। लेकिन बीते पांच महीनों से न तो वेतन मिला है और न ही पीएफ की राशि जमा की गई है। इससे कर्मचारियों के घरों में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। कई कर्मचारी ऐसे हैं जिनके घरों में राशन तक लाना मुश्किल हो गया है।
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| ठेकेदार के नुमाइंदों पर धमकी के आरोप, प्राचार्य ने फर्म को दी सख्त चेतावनी |
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि फर्म का मालिक बाहर गया हुआ है, लेकिन उसके नुमाइंदे पीबीएम अस्पताल परिसर में लगातार घूम रहे हैं। ये नुमाइंदे कर्मचारियों को धमका रहे हैं कि अगर उन्होंने धरना खत्म नहीं किया तो उन्हें काम से निकाल दिया जाएगा और भविष्य में दोबारा नौकरी भी नहीं मिलेगी। कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह की धमकियों से वे डरने वाले नहीं हैं और जब तक उनका बकाया वेतन और पीएफ की राशि नहीं मिल जाती, तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
धरना स्थल पर कर्मचारियों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि फर्म के खिलाफ श्रम कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यह केवल वेतन का मामला नहीं, बल्कि मजदूरों की मेहनत और सम्मान से जुड़ा विषय है। “हम रोज अस्पताल में मरीजों की सेवा करते हैं, गंदगी साफ करते हैं, बीमारों की मदद करते हैं — लेकिन हमारे अपने घरों में भूखमरी की स्थिति बन रही है,” एक महिला कर्मचारी ने कहा।
वहीं, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने फर्म को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि बुधवार तक सभी कर्मचारियों का बकाया वेतन और पीएफ भुगतान किया जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फर्म के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और अस्पताल में उसका अनुबंध रद्द किया जाएगा।
डॉ. सोनी ने यह भी कहा कि प्रशासन कर्मचारियों के साथ है और किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर बुधवार तक उन्हें सौंपी जाए।
धरने के दौरान कर्मचारियों के समर्थन में कई सामाजिक कार्यकर्ता और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी भी पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से मांग की कि मजदूरों की आवाज को नजरअंदाज न किया जाए और ठेकेदारों की मनमानी पर रोक लगाई जाए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन को जिला स्तर तक बढ़ाएंगे और पीबीएम अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
धरना स्थल पर पुलिस भी तैनात रही ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। देर शाम तक कर्मचारी अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे और “मेहनतकशों को न्याय दो”, “वेतन दो, सम्मान दो” जैसे नारों से परिसर गूंजता रहा।


