राती घाटी युद्ध विजय दिवस समारोह 1 नवम्बर को रवीन्द्र रंगमंच पर आयोजित होगा

ट्रिपल एस ओ न्यूज, बीकानेर, 26 अक्टूबर 2025। राती घाटी शोध एवं विकास समिति, बीकानेर द्वारा राती घाटी युद्ध विजय दिवस समारोह का आयोजन 1 नवम्बर 2025 को रवीन्द्र रंगमंच बीकानेर में किया जाएगा। यह समारोह उस ऐतिहासिक युद्ध की स्मृति को समर्पित है जिसने भारतीय वीरता, संगठन और मातृभूमि रक्षा के संकल्प को स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया।

राती घाटी युद्ध विजय दिवस समारोह 1 नवम्बर को रवीन्द्र रंगमंच पर आयोजित होगा
राती घाटी युद्ध विजय दिवस समारोह 1 नवम्बर को रवीन्द्र रंगमंच पर आयोजित होगा

इस भव्य आयोजन की तैयारियों के तहत शनिवार को राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान, बीकानेर में समारोह का पोस्टर एवं आमंत्रण पत्र विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में समिति के संस्थापक महामंत्री डॉ. जानकी नारायण श्रीमाली, जोधपुर प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ. अशोक शर्मा, जिला अध्यक्ष डॉ. रामगोपाल शर्मा, समिति अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बीका, इतिहास शोधकर्ता प्रदीप सिंह चौहान सहित अनेक प्रबुद्धजन, शिक्षाविद्, समाजसेवी एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।


🏵️ भारतीय इतिहास में राती घाटी युद्ध का स्थान

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जानकी नारायण श्रीमाली ने कहा कि —

“राती घाटी युद्ध भारतीय वीरों के इतिहास का एक गौरवशाली और प्रेरणादायक अध्याय है। इस युद्ध ने यह प्रमाणित किया कि भारतीय योद्धाओं में संगठन, साहस और रणनीति की अद्भुत क्षमता थी। यह केवल युद्ध नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की रक्षा की गाथा है।”

उन्होंने कहा कि आज के युवा वर्ग को चाहिए कि वे अपने इतिहास को गहराई से समझें, क्योंकि “जिस राष्ट्र को अपने अतीत की जानकारी नहीं होती, उसका भविष्य भी अस्थिर रहता है।”


⚔️ छद्म विमर्श को समाप्त करने वाला अध्याय

जोधपुर प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ. अशोक शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि —

“इतिहास के पन्नों में एक समय ऐसा विमर्श गढ़ा गया कि भारतीय वीर विदेशी आक्रांताओं से कभी नहीं जीत सके। लेकिन राती घाटी युद्ध का प्रमाणिक अध्ययन और शोध इस छद्म विमर्श को समाप्त करता है। यह युद्ध इस बात का साक्षी है कि भारतीय वीरों ने पराक्रम, रणनीति और देशभक्ति से आक्रांताओं को परास्त किया था।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध पर आधारित शोध सामग्री, अभिलेख और प्रमाण नई पीढ़ी के सामने आने चाहिए, ताकि उन्हें अपने गौरवशाली इतिहास का बोध हो सके।


🏇 राजस्थान की वीर परंपरा और जैतसी की गाथा

समिति अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बीका ने कहा कि —

“राजस्थान सदैव वीर-प्रसविनी भूमि रही है। यहाँ के रेत के कणों में भी वीरता और आत्मसम्मान की गंध है। जैतसी जैसे पराक्रमी योद्धाओं ने मुगल सेनापति कामरान जैसे दुर्दांत आक्रमणकारी को नाकों चने चबवाए थे। यही राजस्थान की आत्मा है — जो अन्याय, अत्याचार और आक्रमण के सामने कभी झुकी नहीं।”

उन्होंने कहा कि राती घाटी युद्ध हमें यह प्रेरणा देता है कि राष्ट्र की रक्षा केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि विचारों और संस्कारों की दृढ़ता से भी होती है।


🎤 आयोजन की अपील और प्रमुख अतिथि

कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति बीकानेर अध्यक्ष डॉ. रामगोपाल शर्मा ने किया। उन्होंने सभी नागरिकों, इतिहासप्रेमियों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस समारोह में बढ़-चढ़कर भाग लें और इतिहास के इस गौरवमयी अध्याय को नज़दीक से जानें।

तत्पश्चात उपस्थित गणमान्यजनों ने संयुक्त रूप से राती घाटी युद्ध विजय दिवस समारोह के पोस्टर और आमंत्रण पत्र का विमोचन किया।

समिति महामंत्री डॉ. ओम नारायण श्रीमाली ने बताया कि
1 नवम्बर को रवीन्द्र रंगमंच पर आयोजित समारोह में

  • मुख्य अतिथि: नगर विधायक (पश्चिम) श्री जेठानंद व्यास

  • मुख्य वक्ता: प्रख्यात इतिहासविज्ञ राजवीर सिंह चलकोई

  • विशेष अतिथि: समाजसेवी एवं उद्योगपति श्री चंपालाल डागा, डॉ. जानकी नारायण श्रीमाली, डॉ. अशोक शर्मा

  • अध्यक्षता: श्री नरेंद्र सिंह बीका करेंगे।


📚 इतिहास-जागरूकता का संदेश

अंत में डॉ. ओम नारायण श्रीमाली ने कहा —

“हमारा उद्देश्य केवल समारोह मनाना नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास की उन पंक्तियों को पुनर्जीवित करना है, जिन्हें उपेक्षित किया गया। हम चाहते हैं कि बीकानेर के विद्यार्थी, प्रबुद्ध नागरिक और इतिहासप्रेमी इस आयोजन में शामिल होकर अपने गौरवशाली अतीत से परिचित हों।”

उन्होंने सभी नागरिकों से 1 नवम्बर को रवीन्द्र रंगमंच में उपस्थिति दर्ज कराने की अपील की।


📍 सम्पर्क:
राती घाटी शोध एवं विकास समिति, बीकानेर
📅 कार्यक्रम तिथि: 1 नवम्बर 2025
📍 स्थान: रवीन्द्र रंगमंच, बीकानेर
🕓 समय: दोपहर 3 बजे से

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