एफआईएमटीटीसी तकनीक हस्तांतरण का मार्गदर्शक केंद्र - गर्ग, भगवान विश्वकर्मा हमारी महान शिल्प, वास्तु परम्पराओं के प्रेरक, विधि विधान से की गई पूजा अर्चना

ट्रिपल एस ओ न्यूज़, बीकानेर 25 सितंबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के फार्म इंप्लीमेंट्स एंड मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर (एफ आई एम टी टी सी) में गुरुवार को भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कुलगुरु प्रो अखिल रंजन गर्ग, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां सहित अन्य डीन ,डायरेक्टर्स की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में विधि विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की गई।

एफआईएमटीटीसी तकनीक हस्तांतरण का मार्गदर्शक केंद्र - गर्ग, भगवान विश्वकर्मा हमारी महान शिल्प, वास्तु परम्पराओं के प्रेरक, विधि विधान से की गई पूजा अर्चना
एफआईएमटीटीसी तकनीक हस्तांतरण का मार्गदर्शक केंद्र - गर्ग, भगवान विश्वकर्मा हमारी महान शिल्प, वास्तु परम्पराओं के प्रेरक, विधि विधान से की गई पूजा अर्चना

केंद्र का निरीक्षण करते हुए कुलगुरु ने कहा कि फार्म इम्पलीमेट्स एंड मशीनरी टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर न केवल मैन्युफैक्चरर्स के लिए बल्कि किसानों ,विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक साबित हो रहा है। केंद्र द्वारा कृषि यंत्रों और उपकरण के टेस्टिंग कार्य से विश्वविद्यालय के लिए आय सृजित हो रही है। विभिन्न कृषि उपकरणों के रखरखाव, कार्य कुशलता का प्रशिक्षण मिलने से किसानों को आधुनिकतम क़ृषि तकनीक से जुड़ने में मदद मिल सकी है। केंद्र प्रभारी डॉ विक्रम योगी ने बताया कि केंद्र द्वारा एग्रीकल्चर मैन्युफैक्चरर्स के साथ नियमित रूप से संपर्क कर नई तकनीक की मशीनों की टेस्टिंग का काम किया जा रहा है। केंद्र भारत सरकार के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप जांच कार्य करता है। 

इंजीनियर विपिन लड्ढा ने केंद्र द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस केंद्र में विद्यार्थियों को हैंड्स ऑन तथा फील्ड प्रशिक्षण का अवसर मिलता है यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है । कुल गुरु ने टेस्टिंग व ट्रेनिंग सेंटर का अधिकाधिक प्रचार प्रसार करने तथा यहां किसानों के लिए नियमित रूप से वर्कशॉप आयोजित करवाने की बात कही। 

हमारी संस्कृति की महान वास्तु और शिल्प परंपराओं के संरक्षक, प्रेरक हैं भगवान विश्वकर्मा

इससे पहले कुलगुरु ने सभी अधिष्ठाता व अधिकारियों के साथ मिलकर विधि विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की। कुल गुरु ने कहा कि हमारी संस्कृति में भगवान विश्वकर्मा को दिव्य वास्तुकार, कुशल इंजीनियर तथा शिल्प का संरक्षक देव बताया गया है। वे हमें मशीनों, औजारों, उपकरणों की विशेष देखभाल, रखरखाव , अनुसंधान और सृजनशीलता के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि में आधुनिकतम तकनीक और यंत्रों का अहम योगदान रहा है।

विश्वविद्यालय एक मजबूत कड़ी के रूप में किसानों तक तकनीकी हस्तांतरण का मार्गदर्शक बने और किसानों का जीवन स्तर सुधारने में योगदान दें।

ये रहे मौजूद

 इस अवसर पर अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डॉ विमला डुकवाल, प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन, डॉ सुभाष बलवदा , अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी के यादव, उपनिदेशक प्रसार शिक्षा डॉ राजेश वर्मा, डॉ दाताराम, डॉ एच एल देशवाल, इंजीनियर विपिन लड्ढा, डा विक्रम योगी, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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