ट्रिपल एस ओ न्यूज, नई दिल्ली। आज सितंबर का महीने का आखिरी दिन है और इसके साथ ही खत्म होने जा रही है सर्कुलेशन से बाहर किए गए 2,000 रुपये के नोटों को बैंकों में बदलवाने या फिर जमा करने की डेडलाइन भी. ऐसे में अगर आपके पास भी ये गुलाबी नोट हैं, तो फिर बिना समय गंवाए इन्हें नजदीकी बैंक या फिर RBI के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर बदलवा लें, क्योंकि अगर केंद्रीय बैंक इस डेडलाइन को बढ़ाने से मना करता है, तो फिर आपके पास मौजूद ये बड़े नोट रद्दी बन जाएंगे।
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| कल से रद्दी हो जाएंगे 2000 रुपये के नोट या मिलेगी और मोहलत? |
RBI आज दे सकता है बड़ा अपडेट
अक्सर देखने को मिलता रहा है कि पैन को आधार से लिंक करना हो या फिर डीमैट के साथ नॉमिनी का नाम जोड़ना,
फाइनेंस से जुड़े इस तरह का कामों की डेडलाइन को आखिरी समय में बढ़ाकर लोगों को राहत दी जाती रही है। ऐसे में इस बात की उम्मीद भी जताई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), 2000 रुपये के नोटों की वापसी की समय सीमा से जुड़ा कोई बड़ा अपडेट जारी कर सकता है।
मई में लिया गया था बड़ा फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते 19 मई 2023 को देश में सबसे बड़े करेंसी नोट यानी 2,000 रुपये के नोट को बंद करने का ऐलान करते हुए इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया था। बाजार में मौजूद इन नोटों की वापसी की सुविधा देते हुए आरबीआई ने बैंकों और केंद्रीय बैंक के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से लौटाने या बदलवाने के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी। जब केंद्रीय बैंक ने 2,000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था, तब डाटा पेश करते हुए बताया था कि 31 मार्च 2023 तक आरबीआई के मुताबिक 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट सर्कुलेशन में थे।
अगस्त के अंत तक 93% नोटों की वापसी
रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से सितंबर की शुरुआत में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 31 अगस्त तक सर्कुलेशन में मौजूद कुल 2,000 रुपये के नोटों में से 93 फीसदी आरबीआई के पास वापस आ चुके थे। वहीं मार्केट में सितंबर की शुरुआत तक करीब 24,000 करोड़ रुपये के नोट मौजूद थे। हालांकि, केंद्रीय बैंक की ओर से हाल में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन इनमें से कुछ हिस्सा और बैंकों में जमा कराया जा चुका होगा।
1 सितंबर को आरबीआई ने क्या कहा था?
बीते 1 सितंबर 2023 को RBI की ओर से बताया गया था कि 31 अगस्त, 2023 तक सर्कुलेशन से वापस आए 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 3.32 लाख करोड़ रुपये है। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट रूप से समय सीमा के बाद इन नोटों को इनवैलिड घोषित नहीं किया है, लेकिन उसका उद्देश्य अपनी 'क्लीन नोट पॉलिसी' के हिस्से के रूप में इन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है।
आरबीआई की ओर से संकेत दिया गया था कि 2,000 रुपये के नोटों की वापसी के लिए डेडलाइन की स्थिति बैंकों में वापस की गई या जमा की गई इन नोटों की मात्रा पर निर्भर करेगी।

