लालचंद जाखड़ ने मायड़ भाषा की मान्यता को लेकर लगभग 5000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की

 ट्रिपल एस ओ न्यूज, बीकानेर । राजस्थानी मान्यता को लेकर आपने अलग-अलग तरीके प्रदर्शन या यात्राएं देखी होगी लेकिन लालचंद जाखड़ ने एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। 

लालचंद जाखड़ ने मायड़ भाषा की मान्यता को लेकर लगभग 5000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की
लालचंद जाखड़ ने मायड़ भाषा की मान्यता को लेकर लगभग 5000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की

हम आपको बता दें लालचंद जाखड़ रीडी गांव, तहसील श्री डूंगरगढ़ जिला बीकानेर के रहने वाले हैं । उन्होंने 29 जून से रीडी गांव से मायड़ भाषा की मान्यता को लेकर अभियान की शुरुआत की । इस दौरान उन्होंने लगभग 300 से ज्यादा सभाएं भी की । 

इस अभियान में वह बीकानेर, जैसलमेर, पोकरण,  बाड़मेर, सांचौर, नागौर, जोधपुर, बालोतरा, पाली, सोजत, सीकर, अजमेर, जयपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, अनूपगढ़ होते हुए लुणकनसर पहुंचे ।

 उनके अनुसार यह यात्रा  लगभग 5000 किलोमीटर की हो चुकी जो कि अब अंतिम पड़ाव पर है । उन्होंने कहा राजस्थान सरकार राजभाषा का दर्जा दे या ना दे लेकिन पाठ्यक्रम में जरूर शामिल करें । वह अब तक 162 से ज्यादा विधायकों को ज्ञापन दे चुके हैं । इस दौरान राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के समर्थन करने वाले लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया । उन्होंने राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलाने हेतु एवं संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने हेतु पूरे राजस्थान में साइकिल यात्रा की गई ।

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