कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा — चतुर्थ दिवस का भव्य और भावपूर्ण आयोजन

ट्रिपल एस ओ न्यूज, बीकानेर। धर्मनगरी कोलायत में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का चतुर्थ दिवस श्रद्धा, संयम और आध्यात्मिक रस से परिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। आयोजन में स्थानीय व आगंतुक श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस दिव्य अवसर पर बिस्सा परिवार ने प्रमुख अतिथि और मुख्य यजमान के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई — जिनमें चौरूलाल बिस्सा, गणेश बिस्सा और हरिकिशन बिस्सा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा — चतुर्थ दिवस का भव्य और भावपूर्ण आयोजन
कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा — चतुर्थ दिवस का भव्य और भावपूर्ण आयोजन

कथा का वाचन डॉ. भागवत आचार्य पंडित रामदेव शास्त्री के मुखारविंद से हुआ। समारोह का संचालन और पूजन विधि-व्यवहार पंडित बनवारी शास्त्री व पंडित रामदेव द्वारा विधिवत रूप से सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम में शास्त्रीय मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और उपस्थित जनमानस के मध्य प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया जिससे उपस्थितजनों के हृदय में आध्यात्मिक उत्थान हुआ।

आज के प्रवचनों का विषय और उनका सार

  • ध्रुव चरित्र: बाल-ध्रुव के अटल भक्ति-संकल्प, ईश्वरप्राप्ति के प्रति उसकी निष्ठा और कठोर तपस्या का मनोवैज्ञानिक व आध्यात्मिक विश्लेषण किया गया। पंडित रामदेव ने बताया कि कैसे दृढ श्रद्धा, संयम और गुरु के प्रति समर्पण से सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

  • सती प्रसंग: सती के चरित्र, नारी-दर्शन और धर्मिकता के संदर्भ में सती प्रसंग का भावगहन वर्णन किया गया। वक्ता ने सती रूपी आदर्शें — त्याग, मर्यादा और सत्यनिष्ठा — पर प्रकाश डालते हुए आधुनिक समाज में इनके अर्थ बताये।

  • महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश देते हुए कहा — “भक्ति ही जीवन का सार है।”

  • पंडित रामदेव शास्त्री ने कहा — “ध्रुव की भक्ति हमें सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा किसी भी परिस्थितियों में मार्गदर्शक बनती है।”

  • पंडित बनवारी शास्त्री ने पूजन-कर्म के महत्व और मंत्रोच्चार के प्रभाव पर प्रकाश डाला तथा श्रोताओं को साधना की सरल-सम्प्रेषित तकनीकें बताईं।

  • कथा का शास्त्रीय प्रस्तुतीकरण — वाचन में शास्त्रीय भाषा और भाव-भंगिमाएँ सम्मिलित रहीं, जिससे कथा का रस और भी घना हो गया।

  • स्थानीय बिस्सा परिवार की भागीदारी — सामाजिक एवं सांस्कृतिक सहयोग से आयोजन का शुभारम्भ और संचालन सुचारु रहा।

  • सामूहिक भजन-कीर्तन तथा हृदयस्पर्शी मंत्रोच्चार — जिनसे माहौल करुणा और भक्ति से ओतप्रोत रहा।

  • प्रश्नोत्तर और भक्त संवाद — जहां श्रोताओं ने अपने प्रश्न पूछे और आचार्य महामंडली ने सरल व व्यवहारिक उत्तर दिये।

कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों के श्रद्धालु — युवा, वृद्ध, महिलाएँ तथा बच्चों की अच्छी संख्या रही। आसपास के गाँवों व कस्बों से भी श्रद्धालु आए। आयोजन ने स्थानीय धार्मिक- सांस्कृतिक चेतना को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा समुदाय में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया।

कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा — चतुर्थ दिवस का भव्य और भावपूर्ण आयोजन
कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा — चतुर्थ दिवस का भव्य और भावपूर्ण आयोजन

आयोजक समिति और समर्थन

मुख्य यजमान — चौरूलाल बिस्सा, गणेश बिस्सा व हरिकिशन बिस्सा
कथा वाचन — डॉ. भागवत आचार्य पंडित रामदेव शास्त्री
पूजन एवं अनुष्ठान — पंडित बनवारी शास्त्री एवं पंडित रामदेव

विशेष आभार आयोजक समिति, स्थानीय स्वयंसेवकों, ध्वनि-प्रणाली टीम, फूल-श्रृंगार करने वालों और भोजन व सेवा टीम को दिया गया, जिनके समर्पण के बिना यह आयोजन संभव न होता।

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