धर्म नगरी कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा का पंचम दिवस भक्ति-रस में सराबोर होकर संपन्न

ट्रिपल एस ओ न्यूज, कोलायत। धर्म और अध्यात्म की पावन भूमि कोलायत में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस का आयोजन अत्यंत भव्य, गरिमामय और भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हुआ। प्रातःकाल से ही श्रद्धालुओं की टोलियां कथा स्थल की ओर बढ़ने लगीं। जैसे-जैसे समय बीतता गया, विशाल पंडाल श्रद्धालुजनों से खचाखच भर गया और पूरा परिसर “हरि नाम” की दिव्य गूंज से आलोकित हो उठा।

धर्म नगरी कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा का पंचम दिवस भक्ति-रस में सराबोर होकर संपन्न
धर्म नगरी कोलायत में श्रीमद् भागवत कथा का पंचम दिवस भक्ति-रस में सराबोर होकर संपन्न


कृष्ण बाल–लीलाओं का अद्भुत श्रृवण

कथावाचक पंडित जी ने पंचम दिवस की कथा में श्रीकृष्ण भगवान की मनोहारी बाल-लीलाओं, माखन–चोरी, गोकुलवासियों के प्रति उनके वात्सल्य, ग्वाल-बालों के साथ खेल, तथा गोपियों के प्रति उनके अलौकिक प्रेम का विस्तृत वर्णन किया।
कथावाचक के मधुर वचनों और भावपूर्ण प्रस्तुति ने श्रोताओं को मानो व्रज के उस दिव्य वातावरण में पहुँचा दिया जहाँ स्वयं श्रीकृष्ण अपनी लीलाएं करते थे। श्रोतागण कथा में डूबकर कई बार भाव-विभोर हो उठे और “राधे-राधे, श्याम प्यारे की जय” के जयकारों से पंडाल गूंज उठा।

बिस्सा परिवार की सेवा और यजमानी

आयोजन में बिस्सा परिवार की मुख्य भूमिका निरंतर बनी हुई है।
मुख्य यजमान श्री चौरूलाल बिस्सा, गणेश बिस्सा, हरिकिशन बिस्सा एवं परिवारजनों ने पूजा-अर्चना, आह्वान, हवन सामग्री और कथा क्रम में आवश्यक सेवाओं में सक्रिय योगदान दिया।
आयोजन समिति तथा बिस्सा परिवार के सहयोग से कथा स्थल पर श्रद्धालुओं हेतु जल, छाया, बैठने की कुर्सियाँ, पंखों की व्यवस्था तथा प्रसाद वितरण सुचारू रूप से किया गया।

भजन–कीर्तन से भक्तिरस का संचार

कथा के बीच-बीच में प्रस्तुत किए गए भजनों ने वातावरण को और अधिक दिव्य बना दिया। स्थानीय भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत “मुरली वाले के दरबार में”, “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम” जैसे भक्तिगीतों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सामूहिक आरती व आशीर्वचन

कथा के अंत में सामूहिक आरती का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारी। कथावाचक ने उपस्थित भक्तों को धर्म, सदाचार और सेवा भावना अपनाने का संदेश दिया।
अंत में अगले दिवस की कथा और विशेष कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।

भक्तों की उत्साहपूर्ण भागीदारी

ग्रामीण क्षेत्र और आसपास के गाँवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा में भाग लिया। कई वृद्ध श्रद्धालु, महिलाएं, बच्चे और युवा इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह दिखा रहे हैं। लोगों ने कहा कि ऐसी दिव्य कथाएं समाज में संस्कार, सद्भावना और अध्यात्म का संचार करती हैं।


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