उनकी इच्छा का हमने किया सम्मान किया बीकानेर के अश्वनी जी का देहदान। दान में ही परमार्थ, मेडिकल शिक्षा के लिए कर रहे देहदान

ट्रिपल एस ओ न्यूज़, बीकानेर। देहदान को एक सामाजिक जिम्मेदारी माना गया है।देहदान या अंगदान की इच्छा एक तपस्या है। सर्व मानव कल्याण समीति की ओर से लगातार इस पर पिछले 9वर्षों से काम हो रहा है। यह एक ऐसी यात्रा है, जिसमें लगातार लोग जुड़ते जा रहे हैं।देहदान कार्यक्रम अनुसंधान और शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए मानव शव प्राप्त करना है।

उनकी इच्छा का हमने किया सम्मान किया बीकानेर के अश्वनी जी का देहदान। दान में ही परमार्थ, मेडिकल शिक्षा के लिए कर रहे देहदान
उनकी इच्छा का हमने किया सम्मान किया बीकानेर के अश्वनी जी का देहदान। दान में ही परमार्थ, मेडिकल शिक्षा के लिए कर रहे देहदान

देहदान करने वाले व्यक्ति समाज में मानवता करुणा और सेवा की भावना का उदाहरण बन जाते हैं. देहदान जीवन के बाद जीवन का उपहार है। बीकानेर के श्री अश्विनी घई जो सर्व मानव कल्याण समिति के संस्थापक सदस्यों में थे, का अकस्मात निधन होने पर उनकी इच्छा अनुसार उनके परिवार द्वारा देहदान किया गया. सर्व मानव कल्याण समिति उनके परिवार के साधुवाद के लिए आभारी है तथा नमन करती है।समिति के अध्यक्ष डॉ.राकेश रावत ने बताया कि अब तक समिति के माध्यम से 155 व्यक्ति देहदान का संकल्प ले चुके हैं तथा 12 देहदान हो भी चुके हैं. मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ गुंजन सोनी व अनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश मणि उपस्तिथ रहे।

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