ट्रिपल एस ओ न्यूज़, बीकानेर। मैंने जीवन भर मेहनत-मज़दूरी करके अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण किया। परंतु जैसे-जैसे उम्र बढ़ी, शरीर जवाब देने लगा। अब मजदूरी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं रहा। न कोई निश्चित आमदनी का स्रोत है और न ही कोई ऐसा सहारा, जो बुढ़ापे में साथ दे सके। कई बार ऐसा होता था कि दवा और भोजन के लिए भी सोचना पड़ता है। यह समय मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर हैं।'
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पंडित दीनदयाल अन्त्योदय संबल पखवाड़ा, बहत्तर वर्षीय वृद्ध को हाथोंहाथ मिली पेंशन, शिविर के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार |
यह कहना था बल्लर में रहने वाले 72 वर्षीय वृद्ध श्री सुलेमान पुत्र इलाही बख्श का। उसने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसने बताया कि उसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के तहत लगने वाले शिविरों की जानकारी मिली और यह जानकारी भी मिली कि शिविर में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लिए आवेदन भरे जा रहे हैं। तो वह शिविर में पहुंच गया।
शिविर में अधिकारियों ने सुलेमान की बात सुनी और दस्तावेज देखे। इसकी स्थिति को समझते हुए तुरंत मेरी पात्रता की जांच की और पेंशन के योग्य पाया। इसके साथ ही आवेदन की प्रक्रिया पूरी करवाई और अब हर माह पेंशन मिलेगी। इतना ही नहीं कुछ ही समय में सुलेमान के खाते में प्रथम पेंशन की राशि जमा हो गई।
इस पर सुलेमान ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि पेंशन की राशि बड़ी न हो, पर यह मेरे लिए आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए संबल है और अब मेरी वृद्धावस्था मेरे लिए बोझ नहीं रहेगी।