बीकानेर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी संस्थान द्वारा विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन

ट्रिपल एस ओ न्यूज़, बीकानेर । विश्व एड्स दिवस के अवसर पर बीकानेर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी संस्थान द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। संस्थान की अध्यक्ष लक्ष्मी सुथार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष की थीम "Take the Rights Path, My Health My Right" है। इस थीम के तहत एचआईवी से संक्रमित व्यक्तियों के स्वास्थ्य अधिकारों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसमें सुरक्षित, समान और सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार को प्राथमिकता दी जाएगी।

बीकानेर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी संस्थान द्वारा विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
बीकानेर नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी संस्थान द्वारा विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन 

संस्थान द्वारा इस वर्ष के जागरूकता कार्यक्रमों में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के स्वास्थ्य अधिकार, समानता, गैर-भेदभाव और समुदाय में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने पर बल दिया जाएगा। साथ ही, एचआईवी/एड्स की रोकथाम, उपचार और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत और कानूनी सुधार की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

30 नवंबर को सामुदायिक परामर्श सत्र का आयोजन

30 नवंबर को विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर एआरटी नोडल अधिकारी और एसएमओ की अध्यक्षता में एआरटी सेंटर पर सामुदायिक परामर्श सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की भागीदारी होगी। इस अवसर पर एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की चुनौतियों और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच पर गहन चर्चा होगी।

कैंडल मार्च का आयोजन

संस्थान द्वारा 1 दिसंबर की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) की विभिन्न इकाइयों, एआरटी, आईसीटीसी, सीएससी और टीआई-एनजीओ के सहयोग से एक कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा। इस मार्च के माध्यम से उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी जो एचआईवी संक्रमण के कारण इस दुनिया से विदा हो चुके हैं।

जागरूकता पखवाड़ा: 1 दिसंबर से 15 दिसंबर

संस्थान द्वारा 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक जागरूकता पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा, जिसमें समाज को एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूक किया जाएगा। विभिन्न कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और सामुदायिक बैठकों के माध्यम से एचआईवी/एड्स के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर कर, लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं और बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी।

यह पहल समाज में एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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