एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई को कविता के माध्यम से दी श्रद्धांजलि , नम रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू ,पूरी पढ़े कविता

ट्रिपल एस ओ न्यूज़ :- बीकानेर। एसएचओ विष्णुदत्त विश्नोई  को कविता के माध्यम से दी श्रद्धांजलि , नम रहेगी आज मेरी आंखें, बहुत ही दुःख भरी कविता ,दिल को छू लेने वाली कविता है , इस में लेखक ने भाव प्रकट करते हुवे कविता के माध्यम से बताया है।

 [नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,
नेताओं की खुदगर्जी के आगे अपने ईमान को न झुकने दिया, 
अपने सपनों का महल गिरा कर अपनी लाज बचाने की खातिर खुद तखत पर झूल गया, 
 नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,]

[खुद भूखे प्यासे रहकर, औरों का उद्धार किया, 
पुलिस महकमा मिला लोगों की सेवा करने खातिर, 
संसार में अपना नाम किया,
नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,]

 [जब मिली शहादत की खबर, लुणेवाला में शोक की लहर छा गई, 
 क्या लुणेवाला, वाला क्या विश्नोई,  क्या पुलिस महकमा, 36 कौम  की आंखें भर आई, 
 कैसे भूलू में उपकार तेरा, जो सबका मसीहा बनकर आये ,
 नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,]

[ जब मिली  श्रद्धांजलि तुझको पुष्प वर्षा  का उपहार मिला, 
यह पुण्य है पिछले जन्म के,  सारे तीर्थ जैसा सम्मान मिला, 
जो देश की सेवा की  उन  लाखों लोगों का प्यार मिला,  
 नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,]

[ पुष्प वरसे उस मां की चरणों में जिन्होंने विष्णुदत्त जैसा बेटा पैदा किया, 
 धन्य है वह  धरा जहां आज लोगों का प्यार मिला,  
 इस मुसीबत की घड़ी में उस परिवार को जीने का हौसला मिले , 
भर आई आज हम सभी  की आँखे विष्णु जी को न्याय मिले ,
 नम: रहेगी आज मेरी आंखें, उस का कैसे दीदार करू,]
                  सतवीर बिश्नोई 
  WhatsApp Number :- 9460333331

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